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★★श्री राधा रानी कृपा-कटाक्ष समूह में आप भक्तो आपका स्वागत ...... सभी देश वासिओ को होली की बहुत बहुत शुभकामनाए


श्री राधा रानी के भक्तो के भाव ( राधा रानी कृपा कटाक्ष के ग्रूप से )



  मुरली वाले ने ऐसा करम कर दिया अब किसी के रहम
की जरुरत
नहि......
नैनो से नैना मिले हम उनके हो गऐ अब किसी के रहम
की जरुरत नही...
**राघे राघे....

 

एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए.....कान्हा
तू आज भी बेखबर है कल की तरह......

 

होठो पे एक मुस्कान ही काफी है ।
दिल में एक अरमान ही काफी है ।।
कुछ नहीं चाहिए जिन्दगी से अब 💖श्यामा ।
आप याद आते रहे "💕💕 ये ए💕💕अहसान ही काफी
है"

 

पधारो हमारे दिल की बगीया में राधा रमन सरकार,
दिल मे आये जो एक बार चन्दन की चौकी पर विराजे
सरकार,
हम अपने दिल को सजायें कुछ इस तरह सरकार,
आपका श्रृगार करे हम...

जग के सारे बंधन छूटें
बस तुमसे ही काम रहे
अंत समय आए तो कान्हा
मुख पे तेरा नाम रह

राधे राधे जी.....आप सभी पर ''कान्हा'' जी यु ही प्रेम
लुटाते रहे
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो
सांसों में मेरी खुशबु बन के
बिखर जातेहो;कुछ यूँ चला है तेरे 'इश्क'का जादू
सोते जागते तुम ही तुम नज़र आते हो....मेरे 'कान्हा

चाँद देखू या चित्तचोर देखूँ
तू ही बता राधे किस ओर देखूँ
देखू तुझे मन ही मन मेँ राधे
या खुली आँखोँ से सराबोर देखूँ

  

 राधे राधे
पी के पैमाने से भला, किसका दिल .....भरता है,
जाम आँखों का पियो, नशा उम्र भर न उतरता है.

 

मुझसे 'बिछड़' के 'खुश' रहते हो,
  मेरी तरह 'तुम' भी 'झूठे' हो"

 

 साँवरिया ..........
.
मैं तुमसे मोहब्बत ना करूँ तो और क्या करूँ ........
मेरी तकमील अधूरी है तेरे इश्क के बिना ........
.
.
कान्हा ....... तुम बिन नीरस जीवन मेरा ....

 

प्यारे ...

तेरे से क्या मिले तोह शहर मैं मशहूर हो गए....
क्या जाने कैसी कशिश थी उसके
दीदार में
के सब फैसले उनके मंज़ूर हो गए....
    गोपाल सहारा तेरा है

 

  हर आहट पे ‘गोपी’ ना सोये… जाने किस पल
‘दर्शन’ होए
इक वीरानी सी खामोशी है… तुमबिन ये ज़ग
एक ‘बेहोशी ‘ है
लौट के ‘आ’ अब… कर दे दिल में उजाला..
‘जमुना’ का ‘तट’… है तुम बिन ‘काला’
।। जय श्री राधेकृष्ण ।।

 

हे गोविन्द......

हाल-ऐ-दिल अपना सुना लूँ तो चले जाना
तुमको हमराज़ बना लूँ तो चले जाना
कब तलक छुपाउंगी अपनी उल्फात तुमसे
इकरार- ऐ-महोब्बत जो कर लूँ तो चले जाना...

 हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे !
हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे !!
*****************************

 कश्तियां उन्ही की डूबती है, जिनके ईमान डगमगाते है,
जिनके दिल में नेकी होती है, वो हरदम झूमते गाते है.

 गोपाल सहारा तेरा है
मैं बड़ो कि इज़्जत इसलिए करती हूँ
क्यूंकि उनकी अच्छाइयां
मुझसे ज़्यादा है और..

छोटो से प्यार इसलिए करती हूँ,
क्यूंकि उनके गुनाह मुझ से कम है!!

 आजमाते हैं लोग सब्र मेरा,
बार-बार जिक्र
तुम्हारा कर के...!!!
प्यारे ।।


हे गोविन्द.....

लिखने से पहले सलाम करते है,
दर्द इस दिल से पैगाम करते हैं,
ये मत समझना के भूल गए है हम,
याद तो आपको हम सुबह शाम करते है

 तुझे पाने की, इस लिए, जिद नहीं करते कृष्णा.....
के तुझे, खोने को, दिल नहीं करता .....
तू मिलता है तो, इस लिए नज़रे नहीं उठाते......
के फिर नज़रें, हटाने को, दिल नहीं करता.....
ख्वाबों में इस लिए, तुझ को नहीं सजाते
कृष्णा....
के फिर नींद से, जागने को दिल नहीं करता...
**♥** राधे कृष्णा हरे कृष्णा **♥**

 

 जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरुरी नहीं है 

पर जो रिश्ते हैं उनमें जीवन होना जरुरी है.....!!!".

 

सिर्फ मोहब्बत ही नहीं है ........जो दर्द के लिए
जिम्मेदार है
कमबख्त रविवार के बाद सोमवार भी बहुत तकलीफ
देता है

 

गोपाल सहारा तेरा है 
वृन्धावन से बांके बिहारी जी के आज का फूल बंगला
हर आहट पे ‘गोपी’ ना सोये… जाने किस पल
‘दर्शन’ होए
इक वीरानी सी खामोशी है… तुमबिन ये ज़ग
एक ‘बेहोशी ‘ है
लौट के ‘आ’ अब… कर दे दिल में उजाला..
‘जमुना’ का ‘तट’… है तुम बिन ‘काला’
।। जय श्री राधेकृष्ण

 खुदा अपने फ़रिश्ते न भेज दुनिया में,
में आदमी हूँ फरिश्तों के साथ कैसे रहु....
दोस्तो के साथ जीने का इक मौका दे दे ऐ खुदा..
तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे..

 

तेरा चेहरा है जब से मेरी आँखो मेँ समाया

तब से मेरी आँखो से लोग जलने लगे राधे राधे.


इंसान का एहतराम था इतना अज़ीज़ ,
हम अपने दुश्मनों से भी नफरत न कर सके....
नहीं मांगते तुमसे कोई  खजाना,
अपनी शरण में दे दो ठिकाना।

 

यूँ ही होता रहे तेरा ये दीदार सावंरें,
मेरी बगिया में तू है तो बहार सावंरें,
नहीं तेरे जैसा कोई दिलदार सावंरें,
किसी और ने किया न ऐतबार सावंरें....

दयालू ईतना कि भूलो को भूला देता है
कृपालु ईतना कि गुँगो से बूलवा देता है
कहाँ तक कहू तेरी रहमत के किस्से
भुखे उठे और भरपेट सूला देता है

कृष्ण के रंग में रंगी हैं,
राधा ऐसी रास रचाई हो,
मगन हुये सब गोप गोपियाँ,
उन सब खेल खिलायी हो ...

 

तू  मुझे ...इस  कदर ...मेरे करीब  लगता है !!

तुझे  अलग से. मै... सोचू तो अजीब लगता है !!

और जिसे न तुझसे मोहब्बत न तेरे हुस्न से प्यार !!

वो शख्स  मुझे बहुत  बदनसीब लगता है !!

 ज़रा दिल …..की दुनिया सजा कर तो देखो ....!!

 

 ज़रा दिल …..की दुनिया सजा कर तो देखो ....!!

ज़रा दिल …..की दुनिया सजा कर तो देखो ....!

इश्क का ……… दीयां ज़ला कर तो देखो .......!!

 तुम्हे हो न …..जाये मोहबत …...तो कहना....!!!!

ज़रा प्रभु से…. नज़रें मिला कर तो देखो ..........!!

 


   

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