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★★श्री राधा रानी कृपा-कटाक्ष समूह में आप भक्तो आपका स्वागत ...... सभी देश वासिओ को होली की बहुत बहुत शुभकामनाए


शरीर के अंग का फड़कना

  स्त्रियों के लिए सभी फलादेश विपरीत होंगे।")
दोनों कंधे फड़कना:              भोग की वृद्धि (किसी चीज की चाह का बढ़ना)
हाथ का फड़कना:                 धन की प्राप्ति का संकेत
पीठ का फड़कना:                 युद्ध में पराजय (असफल होने के आसार) 

छाती का फड़कना:               विजय प्राप्ति
दोनों पैरों का फड़कना:         उत्तम स्थान की प्राप्ति

सिर का फड़कना:                जमीन-जायदाद की वृद्धि
 ललाट का फड़कना:            स्थान की वृद्धि
नेत्रों के समीप स्फुरण:        धन प्राप्ति
दाएं पलकों का फड़कना:      युद्ध में विजय, लक्ष्य प्राप्ति का संकेत
आंत का फड़कना:               धन प्राप्ति
नाक का फड़कना:               प्रियजनों से मिल

 निचले होंठों का फड़कना:   संतान सुख की प्राप्ति
गले का फड़कना:                भोग लाभ

दाहिने  अंगों का फड़कना शुभ और बाएं भाग (Left Side) का फड़कना अशुभ होता है।



 स्त्रियों के लिए यह विपरीत माना जाता है।
पांव का तलुआ फड़के तो बुद्धि प्राप्ति होती है।
 
कंठ फड़के तो ऐश्वर्य लाभ होता है।
भुजा फड़के तो अच्छा भोजन प्राप्त हो।
भुजा मध्य में स्फुरण हो तो धन आगमन हो।
जंघा फड़के तो स्वामी प्रीति मिले।
आंख की पलके फड़के तो राज्य लाभ समझें।
वक्षस्थल स्फुरण हो तो विजय प्राप्त होने के संकेत हैं।
अगर कपाल फड़के तो उसे शुभ समाचार प्राप्त होने का संकेत माना जाता है।
होंठों का फड़कना किसी प्रिय वस्तु के मिलने का संकेत है।
मस्तक का फड़कना शुभ है। इससे पृथ्वी लाभ होता है।
ललाट का फड़कना स्थान लाभ देता है।
पांव की पिंडलियां फड़के तो शत्रु बाधा समझे।

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