श्री गौरव कृष्ण गोस्वामी जी के भजन
1. मन्दिर मे रहते हो भगवन,
मन्दिर मे रहते हो भगवन,
कभी बाहर भी आया जाया करो ||
मैं रोज़ तेरे तेरे दर आता हूँ, कभी
तुम भी मेरे घर आया करो ||
तुम भी मेरे घर आया करो ||
मै तेरे दर का योगी हूँ,
हुआ तेरे बिना वियोगी हूँ |
तेरी याद मे आसूं गिरते हैं,
इतना ना मुझे तद्पाया करो ||
आते क्यों मेरे नजदीक नहीं,
इतना तो सताना ठीक नहीं |
मैं दिल से तुमको चाहता हूँ,
कभी तुम भी मुझे अपनाया करो ||
मैं दीन हूँ, दीनानाथ हो तुम,
सुख़ दुःख मे सब के साथ हो तुम |
मिलने की चाह खामोश करें,
कभी तुम भी मिला-मिलाया करो |
मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया हैं....
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
मुझे है सहारा तेरी बंदगी का....
हैं जिसपर गुजारा मेरी ज़िन्दगी का...
मिला मुझको जो कुछ तुम्ही से मिला हैं....
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया हैं....
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
न मिलती अगर, दी हुई दाद तेरी....
तो क्या थी जमाने में, औकात मेरी...
तुम्ही ने तो जीने के काबिल किया हैं...
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
किया कुछ न मैंने, शर्मसार हूँ मैं...
तेरी रहमतो का, तलबदार हूँ मैं...
दिया कुछ नहीं बस, लिया ही लिया हैं....
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
मिला मुझको जो कुछ, बदौलत तुम्हारी...
मेरा कुछ नहीं, सब है दौलत तुम्हारी....
उसे क्या कमी, जो तेरा हो लिया हैं....
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
मेरा ही नहीं, तू सभी का हैं दाता...
तू ही सबको देता,
तू ही हैं दिलाता...
तेरा ही दिया मैंने खाया पिया हैं...
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया हैं....
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
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आचार्य सोनू तिवारी जी
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2. मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया हैं....
मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया हैं....
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
मुझे है सहारा तेरी बंदगी का....
हैं जिसपर गुजारा मेरी ज़िन्दगी का...
मिला मुझको जो कुछ तुम्ही से मिला हैं....
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया हैं....
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
न मिलती अगर, दी हुई दाद तेरी....
तो क्या थी जमाने में, औकात मेरी...
तुम्ही ने तो जीने के काबिल किया हैं...
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
किया कुछ न मैंने, शर्मसार हूँ मैं...
तेरी रहमतो का, तलबदार हूँ मैं...
दिया कुछ नहीं बस, लिया ही लिया हैं....
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
मिला मुझको जो कुछ, बदौलत तुम्हारी...
मेरा कुछ नहीं, सब है दौलत तुम्हारी....
उसे क्या कमी, जो तेरा हो लिया हैं....
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
मेरा ही नहीं, तू सभी का हैं दाता...
तू ही सबको देता,
तू ही हैं दिलाता...
तेरा ही दिया मैंने खाया पिया हैं...
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया हैं....
तेरा शुक्रिया हैं.....तेरा शुक्रिया.....
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आचार्य सोनू तिवारी जी
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