रोज पढ़ने वाले मंत्र
1 सरस्वती मंत्र
जब भी कोई परीक्षा देने जाए तब इस मंत्र को सच्चे मन से मां सरस्वती का स्मरण कर 7 बार पढ़ें। सरस्वती पूजन के समय यह श्लोक पढ़ने से मां की असीम कृपा प्राप्त होती है। अगर समयाभाव हो तो मात्र एक बार भी घी का दीपक जलाकर पढ़ा जा सकता है।
भावार्थ: जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के
फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह श्वेत वर्ण की हैं और जो
श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है,
जिन्होंने श्वेत कमलों पर अपना आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं
शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को
दूर कर देने वाली माँ सरस्वती आप हमारी रक्षा करें।
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2 लक्ष्मी मंत्र
कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती ।
करमूले स्थिता गौरी, मंगलं करदर्शनम् ॥
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कृष्णाय वासुदेवाय, देवकी-नन्दनाय च ।
नंद-गोप-कुमाराय, गोविन्दाय नमो नमः ॥
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आचार्य सोनू तिवारी जी
जब भी कोई परीक्षा देने जाए तब इस मंत्र को सच्चे मन से मां सरस्वती का स्मरण कर 7 बार पढ़ें। सरस्वती पूजन के समय यह श्लोक पढ़ने से मां की असीम कृपा प्राप्त होती है। अगर समयाभाव हो तो मात्र एक बार भी घी का दीपक जलाकर पढ़ा जा सकता है।
या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वृस्तावता ।
या वीणा वर दण्ड मंडित करा या श्वेत पद्मसना ।।
या ब्रह्माच्युत्त शंकर: प्रभृतिर्भि देवै सदा वन्दिता ।
सा माम पातु सरस्वती भगवती नि:शेष जाड्या पहा ॥१॥
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2 लक्ष्मी मंत्र
कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती ।
करमूले स्थिता गौरी, मंगलं करदर्शनम् ॥
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कृष्णाय वासुदेवाय, देवकी-नन्दनाय च ।
नंद-गोप-कुमाराय, गोविन्दाय नमो नमः ॥
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ॐ भूर्भुवः स्वःतत्सवितुर्वरेण्यंभर्गो देवस्यः धीमहिधियो यो नः प्रचोदयात्
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मंत्र के प्रत्येक शब्द की व्याख्या
ॐ = प्रणव भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला तत = वह, सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल वरेण्यं = सबसे उत्तम भर्गो = कर्मों का उद्धार करने वाला देवस्य = प्रभु धीमहि = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान) धियो = बुद्धि, यो = जो, नः = हमारी, प्रचोदयात् = हमें शक्ति दें (प्रार्थना)
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★★★राधे.........राधे★★★
कृष्णाय वासुदेवाय , हरये परमात्मने l
प्रणत क्लेश नाशाय , गोविन्दाय नमो नमः l1
सभी कष्ट से बचना चाहते हो तो इस मंत्र की रोज 11 माला जाप करो
सारे दु:खो और कलेश का नाश होगा
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आचार्य सोनू तिवारी जी
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