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★★श्री राधा रानी कृपा-कटाक्ष समूह में आप भक्तो आपका स्वागत ...... सभी देश वासिओ को होली की बहुत बहुत शुभकामनाए


जोतिष कि जानकारी




ग्रह
अन्‍य नाम
अंग्रेजी नाम
सूर्य
रवि
सन
चंद्र
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मून
मंगल
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गुरू
बृहस्‍पति
ज्‍यूपिटर
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मंद
सैटर्न
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नॉर्थ नोड
केतु









साउथ नोड

 Manglik Dosha

मंगल दोष को कुछ लोग मांगलिक दोष भी कहते हैं। जिन लोगों को मंगल दोष होता है उनकी शादी में बेहद परेशानियां आती हैं। इस दोष के विभिन्न शास्त्रों में मिलने वाले दुष्परिणामों और चेतावनियों की वजह से आम आदमी में इसे लेकर कई भ्रांतियां भी हैं। यहां यह बात विशेष ध्यान देने वाली है कि मांगलिक स्त्री-पुरुष से विवाह होने पर हमेशा परिणाम अशुभ नहीं होते। कुछेक उपायों से मंगल दोष को कम किया जा सकता है और इन उपायों में व्यर्थ का अधिक धन व्यय करने की भी जरूरत नहीं। शास्त्रों के अनुसार मानयता है कि जन्मकुंडली के यदि मंगल मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8 या 12 घर में बैठा हो तो जातक (स्त्री-पुरुष) मंगल दोष से युक्त समझे जाते हैं। माना जाता है कि अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष है तो उसकी शादी मांगलिक से ही करनी चाहिए। ऐसा संभव ना होने पर ‘पीपल' विवाह, कुंभ विवाह, सालिगराम विवाह तथा मंगल यंत्र का पूजन आदि कराके जातक की शादी अच्छे ग्रह योगों वाले जातक से करा देनी चाहिए। अन्य सरल उपाय निम्न हनुमान चालिसा का पाठ और गणेश पूजन तथा मंगल यंत्र की पूजा है।

काल सर्प दोष

कुंडली में कालसर्प योग के बारें में भी ज्योतिष बेहद ध्यान देते हैं। कालसर्प तब होता है जब राहु-केतु के मध्य सातों ग्रह हो। सरल शब्दों में जब जातक की कुंडली में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि राहु और केतु के बीच आ जाए तब ‘कालसर्प योग’ निर्मित होता है। काल सर्प दोष के लक्षण (Kaal Sarp Dosha Effects): इस दोष की वजह से संतान उत्पत्ति में बाधा, निराशा, अवसाद, असफलता आदि का सामना करना पड़ता है। काल सर्प योग से बचने के उपाय (Kaal Sarp Dosha Remedies in Hindi): काल सर्प योग से निवारण हेतु सबसे बेहतर उपाय नागों की पूजा और नाग पंचमी के दिन दान और सांप को दूध पिलाना बताया गया है। साथ ही चन्द्र ग्रहण के दिन बहते जल में चांदी के सर्पों को बहाने से भी काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा भगवान शिव को सांपो का देवता माना जाता है इसलिए जितना हो सके “ओम नम: शिवाय” और महामृत्युंजय मंत्र का सुबह-शाम का जाप करना चाहिए और शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। 

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