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★★श्री राधा रानी कृपा-कटाक्ष समूह में आप भक्तो आपका स्वागत ...... सभी देश वासिओ को होली की बहुत बहुत शुभकामनाए


नक्षत्र परिचय ( Nakshatra )

अश्विनी 

प्रथम चरण -     पिता को कष्ट तथा भय रहेगा
द्वितीय चरण - सुख सम्पत्ति में वृद्धि होगी
तृतीय चरण -    राजकीय कार्यो में विजय तथा नौकरी में प्रगति होगी
चतुर्थ चरण -     धन का लाभ तथा परिवार में कोई मांगलिक कार्य होगा
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अश्लेषा 
प्रथम चरण -     शांति कराने से शुभ फल प्राप्त होगा
द्वितीय चरण - अचानक धन की हानि हो सकती है
तृतीय चरण -    माता के लिये अनिष्टकारी रहेगा
चतुर्थ चरण -     पिता के धन का अपव्यय होगा एंव बच्चों की शिक्षा में व्यवधान आयेगा
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मघा 
प्रथम चरण -     माता के लिये कष्टकारी रहेगा
द्वितीय चरण - पिता के लिये अनिष्टकारी रहेगा
तृतीय चरण -    सुख व समृद्धि आयेगी
चतुर्थ चरण -    परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी तथा भौतिक                              संसाधनों में वृद्धि होगी
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ज्येष्ठा 
प्रथम चरण -     बड़े भाई के लिये अनिष्टकारी रहेगा
द्वितीय चरण - छोटे भाई के लिये अशुभ प्रतीत होगा
तृतीय चरण -   माता को मानसिक व शारीरिक पीड़ा रहेगी
चतुर्थ चरण -    स्वंय को शारीरिक कष्ट रहेगा
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मूल 
प्रथम चरण -     पिता को शारीरिक कष्ट तथा धन की हानि होगी
द्वितीय चरण - माता को शारीरिक कष्ट रहेगा
तृतीय चरण -    धन का व्यय तथा आपस में विरोधाभास की स्थिति  उत्पन्न होगी
चतुर्थ चरण -   शांति कराने से लाभ होगा
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रेवती 
प्रथम चरण -    राज्य से सम्मान तथा परिवार में धन का आगमन
द्वितीय चरण -परिवार में वैभव तथा प्रसन्नता रहेगी
तृतीय चरण -  नौकरी व व्यवसाय में लाभ होगा। मन प्रसन्नचित्त रहेगा
चतुर्थ चरण -  विविध प्रकार के कष्ट आ सकते हैं
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नक्षत्र अनुसार पाया 


1. स्वर्ण पाया – रेवती - अश्विनी - भरणी - कृतिका - रोहिणी - मृगशिरा  
स्वर्ण पाया मध्यम शुभ माना गया है.

2. लौह पाया –  उत्तराभाद्रपद - पूर्वाभाद्रपद
 लौह पाये का जन्म अशुभ और हानिकारक माना जाता है.

3. रजत पाया – आर्द्रा - पुनर्वसु - पुष्य - आश्लेषा -  मघा -  पूर्वाफाल्गुनी -  उत्तराफाल्गुनी -  हस्त -  चित्रा -  स्वाति  रजत पाये का जन्म शुभ और श्रेष्ठ माना गया है.

4. ताम्र पाया – विशाखा - अनुराधा - ज्येष्ठा - मूल - पूर्वाषाढ़ा - उत्तराषाढ़ा - श्रवण - धनिष्ठा - शतभिषा 
 ताम्र पाये का जन्म सामान्य शुभ माना जाता है.

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पं सोनू तिवारी जी

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