गौरव कृष्ण गोस्वामी जी के भजन
गोपाल तेरी पूजा हम से न बनी रे
गोपाल तेरी पूजा हम से न बनी रे
नंदलाला तेरी पूजा हम से न बनी रे
हम से न बनी रे हम से न बनी रे ||
कहा पाऊ सरयू मै कहा पाऊ गंगा
कहा पाऊ यमुना अमृत से भरी रे ||1||
कहा पाऊ मोर मुकुट कहा पाऊ पताका
कहा पाऊ लकुटी हिरो से जड़ी रे ||2||
कहा पाऊ चन्दन मै.कहा पाऊ तुलसी
कहा पाऊ डलिया फूलो से भरी रे ||3||
कहा पाऊ माखन.मै कहा पाऊ मिश्री
कहा पाऊ मटकी माखन से भरी रे ||4||
.मैंने सुना है तुम भक्ति से मिलते हो
कहा पाऊ भक्ति मै भाव भरी रे ||5||
आचार्य सोनू तिवारी जी
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