Jab Se Banke Bihari Hmare Huye
जब से बनके बिहारी हमारे हुए ,
गम कि दुनिया से हम तो किनारे हुए !
अब कही देखने कि न खवाहिश रही ,
जब से वो अपनी नजरो के तारे हुए... !!
दर्द ही अब हमारी दवा बन गया ,
खुद ब खुद मिट गयी मेरी सभी मुश्कलें !
जब से वो ज़िंदगी के सहारे हुए,
तो गम ज़माने के सरे किनारे हुए.....!!
अरी में तो प्रेम दीवानी ,मेरो दर्द न जाए कोई
घायल कि गति घायल जाने जो कोई घायल होई ,
जोहरी कि गति जोहरी जाने जो कोई जहरी होई !!
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
बाबुल वैध बुलाईये पकड़ दिखाई मेरी बहाँ,
पर मूर्ख वैध मर्म न जाने कसक कलेजे माई
जा वेधा घर आपने तू मारो नाम न ले ,
में तो दासी विरह कि तू औषधि काहे को दे
दर्द कि मारी बन बन डोलूपर वैध मिला न कोई ,
मीरा के प्रभु पीड मिटे जब वैध सांवरिया हो !!
ऐ मेरे रहबर मुझे फिर खुद से दूर कर दे,
क्यूंकि लगता है मंजिल करीब है
ऐ श्याम मेरे दिल को वो मर्ज़ लगा देना ,
हो दर्द तेरा जिसमे फिर भी न दवा देना...
एक दिन तो मिलेंगे ही बोलेंगे हसेंगे ही ,
इस खाव्बो तमम्ना से हरगीज न जगा देना.. -
जब से बनके बिहारी हमारे हुए , गम कि दुनिया से हम तो किनारे हुए !
अब कही देखने कि न खवाहिश रही , जब से वो अपनी नजरो के तारे हुए... !!
दर्द ही अब हमारी दवा बन गया , खुद ब खुद मिट गयी मेरी सभी मुश्कलें !
जब से वो ज़िंदगी के सहारे हुए, तो गम ज़माने के सरे किनारे हुए.....!!
अरी में तो प्रेम दीवानी , मेरो दर्द न जाए कोई
घायल कि गति घायल जाने जो कोई घायल होई ,
जोहरी कि गति जोहरी जाने जो कोई जहरी होई !!
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
बाबुल वैध बुलाईये पकड़ दिखाई मेरी बहाँ,
पर मूर्ख वैध मर्म न जाने कसक कलेजे माई
जा वेधा घर आपने तू मारो नाम न ले ,
में तो दासी विरह कि तू औषधि काहे को दे
दर्द कि मारी बन बन डोलू पर वैध मिला न कोई ,
मीरा के प्रभु पीड मिटे जब वैध सांवरिया हो !!
ऐ मेरे रहबर मुझे फिर खुद से दूर कर दे, क्यूंकि लगता है मंजिल करीब है ....
ऐ श्याम मेरे दिल को वो मर्ज़ लगा देना ,
हो दर्द तेरा जिसमे फिर भी न दवा देना...
एक दिन तो मिलेंगे ही बोलेंगे हसेंगे ही ,
इस खाव्बो तमम्ना से हरगीज न जगा देना..
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