Gopi Prem Viraha
गोपी प्रेम विरहा
जा रहे हो तो जाओ कन्हैया
पर इतना रहम तो कर के जाओ
दिल तो पहले ही तुम ले चुके हो
अब तो प्राणो को भी लेकर जाओ
प्रेम विरहा मे जल जाए गी हम
तेरे जाने से मर जाए गी हम
हो तेरे जाने से मर जाएगी हम
कैसे दिदार कर पाएगे हम
यू ना हम को तडपा कर जाओ
प्यार के मोड पर मिल गए हो अगर
उम्र भर साथ देने का वादा करो
आ गए हो तो जाने की जिद ना करो
जा रहे हो तो आने का वादा करो
पर आज जाओगे जो छोड कर
क्या ना अओ गे फिर लोटकर
आज हम से यू नजरे फेर कर
जाते जाते ना हम को रुलाओ
रूकछत हुए तो आँख मिला कर नही गए
वो क्यो गए ये भी बता कर नही गए
रहने ना दिया उनहोने किसी काम का हमे
और खाख मे हम को मिलाकर नही गए
हँस हेरी हमारे हिए विष पी जन
दे गयो दे गयो गे यो री
हठ ठोर कुठोर स्नेह की ठोकर
दे गयो दे गयो दे गयो री
नन्द राम को विरहानल मे
हमे ते गयो ते गयो ते गयो री
चित मेरो चुराए के चोर सखी
वो ले गयो ले गयो री
पं सोनू तिवारी
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