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2019 चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण ग्रहण का टाइम || Grahan in 2019 in india

चंद्र ग्रहण  और सूर्य ग्रहण ग्रहण का टाइम


1. खग्रास सूर्यग्रहण- वर्ष 2019 का प्रथम ग्रहण सूर्यग्रहण होगा
जो 2 जुलाई 2019 को लगेगा। यह खग्रास सूर्यग्रहण होगा, जो भारत में कहीं भी दृश्यमान नहीं होगा। भारत में दृश्यमान नहीं होने के कारण इस सूर्यग्रहण के यम-नियम भारत में रहने वाले निवासियों पर प्रभावी नहीं होंगे। 


2. खंडग्रास चंद्रग्रहण- वर्ष 2019 का दूसरा ग्रहण चंद्रग्रहण होगा, जो 16 जुलाई 2019 को लगेगा। यह खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह ग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र एवं धनु-मकर राशि पर मान्य होगा। 

ग्रहण का स्पर्श काल रात्रि 1 बजकर 32 मिनट, मध्यकाल रात्रि 3 बजकर 1 मिनट 
 मोक्ष रात्रि 4 बजकर 30 मिनट पर होगा। 
ग्रहण का पर्वकाल 2 घंटा 58 मिनट का रहेगा।

3. खंडग्रास सूर्यग्रहण- वर्ष 2019 का तीसरा एवं अंतिम ग्रहण सूर्यग्रहण होगा, 
जो 26 दिसंबर 2019 को लगेगा। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा, जो मूल नक्षत्र एवं धनु राशि पर मान्य होगा। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण केवल दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में ही दृश्यमान होगा।


ग्रहण का स्पर्शकाल प्रात: 8 बजकर 10 मिनट, मध्यकाल प्रात: 9 बजकर 31 मिनट
मोक्ष 10 बजकर 51 मिनट पर होगा।  
ग्रहण का पर्वकाल 2 घंटा 41 मिनट का रहेगा।



         ग्रहणकाल के दौरान क्या करें

1. ग्रहणकाल के दौरान या उसके मध्य समय में भोजन करना, पकाना, सोना, सजना-संवरना नहीं चाहिए।
ग्रहण के समय कोई भी शुभ  नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।

2. मान्यता है कि ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिला को जरूर नहा लेना चाहिए वरना उसके शिशु को त्वचा संबधी रोग लग सकते हैं ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए। 

ग्रहण के दौरान सिर पर तेल लगानाखाना खाना और बनाना वर्जित होता है।

4 . मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल के समय गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटना, कपड़े सीना आदि से बचना चाहिए। इससे बच्चे को शारीरिक दोष हो सकता है।

5 ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और ग्रहण दर्शन तो भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

7.  ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिला को जरूर नहा लेना चाहिए वरना उसके शिशु को त्वचा संबधी रोग लग सकते हैं। ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए। 

ग्रहण के दौरान सिर पर तेल लगाना, खाना खाना और बनाना वर्जित होता है। 

विशेष जिस स्थान पर ग्रहण दिखाई पड़ता है वहां सूतक तथा अन्य नियमों का पालन किया जाता है 
जिन राशियों के लिए ग्रहण शुभ नहीं होता है उन्हें ग्रहण की छाया से बचना चाहिए तथा जप हवन दान आदि करना चाहिए 
ग्रहण काल में देव स्पर्श खाना-पीना निद्रा सोच मूत्र का त्याग करना चाहिए 

भजन जप आदि में मन लगाना चाहिए 

सूतक में बाल वृद्ध और रोगी को छोड़कर अन्य को भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए 


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