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★★श्री राधा रानी कृपा-कटाक्ष समूह में आप भक्तो आपका स्वागत ...... सभी देश वासिओ को होली की बहुत बहुत शुभकामनाए


राधा नाम संग यात्रा ( Telegram )ग्रुप से भक्तो के भक्ति भाव




कितने भी लगा लो नकाब....
असलियत छुपाने को....
फितरत खुद की ही....
चेहरे के हर नकाब को नोच लेती है....

हमेशा हँसते रहिये,एक दिन ज़िंदगी भी 
आपको परेशान करते करते थक जाएगी ।

कुछ हुश्‍न पर नाज़ करते हैं , 
कुछ दौलत पर नाज़ करते हैं ......... 
मगर हम गुनेहगार बन्दे ए "साँवरिया" 
तेरी रहमत पर नाज़ करते हैं

अरी सखी!!....
उसने मुझसे पूछा 'मेरे बिना रह लोगे'.....
साँसे रुक गयी' और उसे लगा कि हम सोच ही रहे हैं ........!!राधे-राधे।

बृषभान सुते करुना करके, मेरी इतनी आस बुझा देना, 
जब निकले तन से प्राण मेर, मुझे बरसाने पहुचा देना, 
मै टहनी तेरी जनम से हूँ, और दासी तेरी धरम से हूँ, 
पर लज्जितl अपने करम से हूँ, मेरी बांह पकड. के उठा देना, 
जब निकले तन से प्राण मेर, मुझे बरसाने पहुचा देना, बृषभान सुते........

दिल दिया दिलदार की हद थी जान दी ये मेरे पयार की हद थी ::
मर गए हम खुली रह गई आँखे ये मेरे इंतजार की हद थी
साँवरिया .............


ये आइने तुझे क्या खबर देंगें .........
आओ देखो मेरी आँखों में तुम कितने हसीन हो .........


आओ गोपाल , आओ गोपाल ........
करूणा-सागर , दीन-दयाल ......


सोहने मुखड़े दा लैन दे नज़ारा,वे केहडा तेरा मुल्ल लगदा ।
एहना अंखिया दा होण दे गुजारा,वे केहडा तेरा मुल्ल लगदा ॥
तेरी दीद दा चाँद, नज़रां ना चुरा,आज नज़र मिला के बैठा रह ।
तैनू वेखना है ओ श्याम सुन्दर,साडे सामने आ के बैठा रह ॥
मक्के गया गल मुकदी नाही,भावे सो सो जुम्मे पढ़ आईए ।
गंगा गयां गल मुकदी नाही,भावे सो सो गोते खाइए ।
गया गयां गल मुकदी नाही,चाहे सो सो पंड पढ़ाईए ।
बुल्ले शाह गल ताहिओ मुकदी,जद मैं नू दिलो गवाईए ॥
हुसन तेरे दी खैर मनावां,जे तक्क लै तां मैं तर जावां ।
ऐवें निक्का जेहा कर दे इशारा,वे केहडा तेरा मुल्ल लगदा ॥

मैं उनके ख़्यालों से निकलूँ तो कहाँ जाऊँ...........!
वो मेरी सोच के हर रास्ते पर मुझे नज़र आते हैं ......

जीवन में सत्य से बड़ा कोई व्रत नहीं है। 
जिसने सत्य को जीवन में उतार लिया, 
वो संसार में सभी परेशानियों से जीत सकता है।

तुम्हारे बगैर "साँवरिया" जिया नहीं जाये .......
तुम आकर बाँह पकड़ लो तो कुछ बात बने .......
ये सुनी दिल की गलियाँ ये भीगी पलकें बुलाती .......
तुम छुकर अपना बना जाओ तो कुछ बात बने .....


नैनन अंदर आओ तो, नैन ढाँक तोहे लूँ।
ना मैं देखूँ और को, ना तोहे देखन दूँ।।


बहियाँ पकड श्याम गुलाल लगावे,खूब भिगोवे चोली।
भीज जाये मेरी लाल ओढनी,कइयाँ खेलूँ होली॥

मंजिल न रही कोई ठिकाना भी नहीं है...
वापस मुझे घर लोट के जाना भी नहीं है ...
मैंने ही सिखाया था उसे नजरो से तीर चलाना ... 
अब मेरे सिवा उसका कोई निशाना भी नही है ...

नशा चढ़े प्रभु प्रेम का, बिसरे तन, मन, का भान।
सुख दुःख की चिन्ता नहीं, रहे चरणन का ध्यान॥


 राधा रानी के चरणोँ मे जो तेरा पयार हो जाए तो तू भव सागर से पार हो जाए 
पकड ले चरण अगर तू मेरी राधा रानी के तो तुझे सावँरे का दीदार हो जाए:-) राधे राधे

मिला भी नहीं हूं और इश्क हो गया है, 
कहीं दीदार हो जाए तो न जाने क्या हाल हो!

जिनहे तुमसे मोहब्बत हो गयी है ।
तडपाना उनकी फिदरत हो गयी है ।
हम जैसे दिल जलो पर मुसकुराना जहाँ वालों की आदत हो गयी है ।


हे श्याम मेरे दिल को वो मरज लगा देना ।
हो दर्द तेरा जिसमें फिर भी ना दवा देना ।।


तेरी आशिकी से पहले मुझे कोन जानता था ।
तेरी बंदगी से पहले मुझे कोन जानता था ।
तेरे नाम ने बना दी मेरी जिदंगी फसाना ।।
मुझे इसका गम नही है कि बदल गया जमाना ।
मेरी जिदंगी के मालिक कही तुम बदल ना जाना ।।



कुछ हुश्‍न पर नाज़ करते हैं , कुछ दौलत पर नाज़ करते हैं .........
मगर हम गुनेहगार बन्दे ए "साँवरिया" तेरी रहमत पर नाज़ करते हैं .
साँवरिया ............


मुझे हुकुम हुआ कि कुछ और माँगु तुम्हारे सिवा .........
मैं महफिल-ए-दुआ से उठ गया , कुछ नहीं चाहिये तुम्हारे सिवा ........
.

हय परदा हय परदा ओ तॆरा परदा जुलम 
बङा करदा हय परदा हय परदा

"मेरे प्रभु का भी क्या कहना,
कल मैंने उसको याद करते-करते,
एक आँसु क्या बहा दिया,
उसने उदास हो कर,
आज सारी दुनिया को भिगा दिया..।"


सुना है काफी पढ़ लिख गए हो तुम.......
कभी वो भी तो पढ़ो जो हम कह नहीं पाते.....।।।
खफा भी करते है वफा भी करते है,
अपने प्यार को वो आँखों से बयाँ भी करते है,
ना जाने कैसी नाराजगी है उनकी हमसे,
हमे खोना भी चाहते है और पाने की दुआ भी करते है।


अपने हाथों में दुआओं की तरह उठा लुँ तुमको ........
जो मिल जाओ तो किसी खजाने की तरह सम्भालुँ तुमको ..
मोहन की मोहिनी अदाओं ने
आज क्या कातिलाना अंदाज अपनाया हैं
इसकी मंद मंद मुस्कनिया ने
देखो आज कितना तडपाया...!!!!!


ऐ श्याम तेरी बंसी की कसम हम तुमसे मोहबत कर बैठे,
इस दिल के सिवा कुछ और न था वो दिल ही तुम्हारा कर बैठे.

अरी सखी सुन रही हैं ना...मैं उस सांवरे के ख़्यालों से निकलूँ तो कहाँ जाऊँ री.......
वो निरमोही मेरी सोच के हर रास्तें पर खुद का डेरा डाले बैठा रहता हैं ..!!राधे-राधे!!

"अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला जिंदगी का,
 सुकून ढूढनें चले थे, नींद ही गवा बैठे"

हे ! गोविंद,, ''तुमने तो लाखो की तक़दीर
सवारी है,,''हमसे बस इतना कह दीजिये कि अब
तेरी बारी है,,


हरे कृष्ण ही कृष्ण के कीर्तन में मचता रण घनघोर यहां सुनलो सुनलो यमुना जल में मुरली 
ध्वनि का वह शोर यहां तरू राधे ही राधे पुकार रहे मन खिचता है बरजोर यहां करके कोई पर्ेम लखे उसको रहता अब भी चितचोर यहां..

कैसे लड़ूँ मुकदमा खुद से तेरी जुदाई
का ..........
ये दिल भी वक़ील तेरा , ये ज़ान भी गवाह
तेरी .........


मन भूल मत जइयो राधा रानी के चरण,
राधा रानी के चरण महारानी के चरण......


अजीब सी बन्दिश है तेरे प्यार में ...........
ना तुने कैद में रखा ना हम आज़ाद हो पाये ........


अरे मेरे बांके बिहारी ...अपने हसीन होंठो को किसी पर्दे मे छुपा लिया करो, 
हम गुस्ताख लोगों में से है, नजरो से भी चूम लेते है...!!राघे राघे!


किस्मत पर नाज़ है तो वजह तेरी रहमत..
खुशियाँ जो पास है तो वजह तेरी रहमत..
मेरे अपने मेरे साथ है तो वजह तेरी रहमत..
मैं तुझ से मोहब्बत की तलब कैसे न करू
चलती जो ये साँस है तो वजह तेरी रहमत..राघे राघे जी


बोलो वृन्दावन बाँके बिहारी लाल की जय !!
छैल है छबीला सब रंग में रंगीला...
बड़ा चित्त का अडीला सब देवतों से न्यारा है ...
नन्द जी का प्यारा जिन्हें कंस को पछारा...
वही वृन्दावन वाला कृष्ण साहिब हमारा है...
!! जय जय श्री राधे !!


कुर्बान हो चुके है तेरी हर अदा पे
मोहन,
तेरे रूप के भंवर में,
मेरी जान फंस रही है,


मुस्कान तेरी प्यारे मेरे मन में बस
रही है,
जादू भरी नज़र से कई तीर कस
रही है.....''जय श्री राधे


राधा रमण की याद ने पागल बना रखा है कहीं मर न जाऊ कफन सीला रखा है 
ऐय दुनिया वालों जलाने से पेहले मेरा दिल निकाल लेना कही वो न जल जाए 
जिसे मैंने इस दिल में बसा रखा है

मृत्यु एवं मोक्ष में क्या अंतर है?
सांस ख़त्म हो जाये और तमन्ना बाकि रह जाये तो मृत्यु है...
और सांस बाकी रहे और तमन्ना ख़त्म हो जाए तो मोक्ष है...

तेरी बदल जायेगी तकदीर तू राधे राधे बोल जरा।
जब रटेगा तू राधे राधे
आयेँगे श्याम भागे भागे
बँध जायेँगे बिन जँजीर तू राधे राधे बोल जरा।
राधे तो श्याम की है शक्ति
जो करते राधे की भक्ति
राधा आत्मा श्याम शरीर तू राधे राधे बोल जरा।
तेरी बदल जायेगी तकदीर तू राधे राधे बोल जरा॥
॥राधे-राधे॥


हर शख्स मुझे ज़िन्दगी जीने का तरीका बताता है..
उन्हें कैसे समझाऊ कि एक “ ख्वाब " अधूरा है मेरा..
वरना जीना तो मुझे भी आता है...


बहुत खूब सूरत है आखै तुम्हारी कान्हा
इन्हें बना दो किस्मत हमारी
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी कान्हा 💞💞💞💞💞💞💞


कौन कहता है दिल सिर्फ लफ्जों से दुःखाया जाता है ........
तेरी खामोशी भी आँखों को नम कर देती है कभी-कभी .......


पाग बनी पटका बनयो बनयो लाल कौ भेष ।
जय जय श्री कुञ्ज बिहारी लाल कि दौड़े आरती लेत।


कभी न सोचा था ऐसी तक़दीर बन गयी,
हमने तो यु ही राखी थी रेत पे उंगलिया,
गौर से देखा तो कान्हा आप कि तस्वीर बन गयी💞💞💞💞


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